रिया सेन का बॉलीवुड करियर तो कुछ खास नहीं रहा. लेकिन उनका कहना है कि उन्हें हिंदी फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री में इस तरह से सेक्शुअलाइज किया गया कि उन्हें इन सबसे दूरी बनाना ही बेहतर लगा. रिया फिल्मी परिवार से ही ताल्लुक रखती हैं. उनकी दादी सुचित्रा सेन, मां मुनमुन सेन और बहन राइमा सेन भी फिल्मों में काम कर चुकी हैं. रिया सेन को फाल्गुनी पाठक के गाने याद पिया की आने लगी में ब्रेक मिला था. उस समय रिया केवल 16 साल की थी. इसके बाद रिया ने 1999 में फिल्म ताज महल में काम किया, जो रोमांटिक ड्रामा तमिल फिल्म थी.

इसके बाद रिया ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम किया, जिनमें कयामत, झंकार बीट्स, स्टाइल जैसी फिल्में शामिल हैं. रिया ने अपने करियर के बारे में बात करते हुए कहा कि शुरुआत में मैं काफी एक्साइटेड थी. मैं जान गई थी कि मेरी चॉइस ऑफ फिल्म्स बॉक्स ऑफिस पर हिट हो रही हैं. रिया तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही थीं. लेकिन कुछ समय बाद उनकी इमेज बोल्ड एक्ट्रेस की बन गई जो उन्हें ठीक नहीं लगा.
रिया ने बताया- मुझे तब इसका एहसास हुआ, जब मैंने कई हिट फिल्में दी. लेकिन इसके बाद कुछ फिल्में ऐसी थीं जो बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली, क्योंकि मैं इनमें मेरे द्वारा गए रोल में कंफर्टेबल महसूस नहीं कर रही थी. शायद इसी वजह से लोग मुझे एक बेकार एक्ट्रेस की नजरों से देखने लगे. मैं इसके लिए उन्हें दोष नहीं देना चाहूंगी.
रिया ने बताया कि उस समय बॉलीवुड में फिल्में करने का मतलब होता था कि आप जो कपड़े पहनते हैं और मेकअप कराते हैं, आपको उनमें बोल्ड महसूस करना होता है. लेकिन मैं उसमें कहीं भी फिट नहीं हो पा रही थी. रिया ने यह भी बताया कि मुझे बोल्ड एक्ट्रेस के टैग मिलने लगे तो मुझे बहुत गंदा लगता था. मुझे याद है कि स्कूल में कुछ लड़के मुझे गलत नाम से बुलाते थे.