
झारखंड हर सरकारी और निजी स्कूल के परिसर से जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाला पहला राज्य बनने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसको लेकर विधानसभा में ऐलान भी कर दिया है।
झारखंड में जल्द ही स्कूलों से मिलेगा जाति प्रमाण पत्र
सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार को विधानसभा में घोषणा की और कहा कि ‘हम 29 दिसंबर के बाद सभी सरकारी और निजी स्कूलों में एक विशेष अभियान चलाएंगे। प्रत्येक छात्र को जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।’
हालांकि झारखंड से पहले ओडिशा ने नवंबर 2017 में बच्चों को एससी, एसटी और ओबीसी प्रमाणपत्र जारी करने वाले स्कूलों की प्रथा शुरू की। लेकिन इसे सरकार की ओर संचालित संस्थानों तक सीमित कर दिया। इस प्रक्रिया को कोरोना काल में बंद कर दिया गया और फिर से ये शुरू नहीं हुई है। बाकी राज्यों की बात करें तो जाति प्रमाण पत्र जिलाधिकारियों, प्रखंड विकास अधिकारियों, तहसीलदारों, मामलातदारों और अन्य नामित राजस्व अधिकारियों के कार्यालयों की ओर से जारी किए जाते हैं।सोरेन ने बीजेपी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा की ओर से लाए गए नोटिस के जवाब में सभी स्कूलों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने की झामुमो सरकार की योजना का खुलासा किया। इस सवाल में ये पूछा गया था कि राज्य सरकार जाति प्रमाण पत्र जारी करने से जुड़ी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए क्या कर रही है।